Good Samaritans who help a person injured in a road accident will get a reward of Rs 25,000 in India: Nitin Gadkari
भारत सरकार की नई नीति के तहत Good Samaritan Scheme (सड़क सुरक्षा इनाम योजना) का उद्देश्य सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करने वालों को प्रोत्साहित करना है। भारत में सड़क हादसों की समस्या चिंताजनक स्तर पर है—2023 में लगभग 1.80 लाख लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके थे। ऐसे हादसों में अगर घायल को पहले घंटे यानी ‘गोल्डन ऑवर’ में समय से अस्पताल पहुँचा दिया जाए तो बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में घोषणा की कि Good Samaritan योजना के तहत दुर्घटना पीड़ित को अस्पताल पहुँचाने वाले गुड समरिटन को अब ₹25,000 पुरस्कार राशि दी जाएगी।
Good Samaritan योजना का परिचय
अक्टूबर 2021 में शुरू हुई Good Samaritan Scheme का मुख्य उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत मदद मिले और मदद करने वालों को कोई कानूनी अड़चन न हो। इस योजना के तहत, दुर्घटना स्थल से घायल को गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल ले जाने वाले व्यक्ति को प्रति घटना ₹5,000 पुरस्कार राशि मिलती है। साथ ही उसे एक सम्मान प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाता है।
अक्टूबर 2021 में आरंभ, प्रत्येक दुर्घटना में सहायता देने पर ₹5,000 इनाम
पुरस्कार के साथ सम्मान प्रमाणपत्र भी दिया जाता है
एक ही दुर्घटना में कई गुड समरिटन होने पर पुरस्कार राशि बराबर बांटी जाती है
गुड समरिटन को पुलिस या अस्पताल द्वारा कोई अतिरिक्त पूछताछ या कार्रवाई नहीं करनी होती
हर वर्ष सर्वोत्तम गुड समरिटन को राष्ट्रीय पुरस्कार (₹1,00,000) मिलता है
यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू है
सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2022 तक केवल 80 लोगों को ही गुड समरिटन इनाम राशि मिली है। दुर्घटनाओं में मदद करने वालों को बढ़ावा देने के लिए इनाम राशि बढ़ाना जरूरी हो गया है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी व्यक्ति बिना स्वार्थ के सहायता प्रदान करने पर किसी भी कानूनी परेशानी का सामना न करे। यह Good Samaritan law India के अनुरूप प्रावधान है, जिसके तहत सहायता करने वालों को कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है।
इनाम राशि में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी 2025 में एक रोड सेफ्टी कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि अब तक के ₹5,000 इनाम को बढ़ाकर ₹25,000 किया जाएगा। यह बढ़ी हुई राशि सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों के साथ-साथ जिला और नगर पंचायत की सड़कों पर लागू होगी। उन्होंने बताया कि गोल्डन ऑवर (पहला घंटा) जीवन रक्षक होता है, लेकिन वर्तमान ₹5,000 इनाम पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसे पाँच गुना बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मंत्रालय को इनाम राशि बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। पुरस्कार राशि में वृद्धि से यह संदेश जाता है कि दुर्घटना में मदद करने वालों को सम्मान और प्रोत्साहन दोनों मिलेगा। इस सड़क सुरक्षा इनाम योजना के तहत अधिक लोग घायलों की सहायता के लिए आगे आएंगे, जिससे सड़क हादसों में बचने वालों की संख्या बढ़ने की आशा है।
कैशलेस इलाज सुविधा
इनाम राशि बढ़ाने के अलावा गडकरी ने घायल दुर्घटना पीड़ितों के इलाज हेतु कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम की भी घोषणा की है। इसके तहत दुर्घटना में घायल हर व्यक्ति को अस्पताल में इलाज के पहले 7 दिनों के लिए सरकारी फंड से ₹1.5 लाख तक की कैशलेस सुविधा प्राप्त होगी। शर्त यह है कि दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को मिल जानी चाहिए, तभी इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।
सरकार ने इस कैशलेस इलाज प्रोग्राम को मार्च 2024 में पायलट रूप में शुरू किया था और अब इसे मार्च 2025 तक पूरे देश में लागू किया जा रहा है। यह पायलट प्रोग्राम चंडीगढ़ में शुरू किया गया था और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी इसे लागू कर रही है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 6,840 सड़क दुर्घटना पीड़ितों का इलाज किया जा चुका है। साथ ही, उन्होंने हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं में मरने वाले पीड़ितों के परिवारों को ₹2,00,000 तक की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है।
आंकड़ों में सड़क सुरक्षा की चुनौती
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाएं भारत में बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या हैं। 2014-2023 के बीच करीब 15.3 लाख लोग सड़क हादसों में मारे गए। अकेले वर्ष 2024 में ही लगभग 1.8 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें से 30,000 हेलमेट न पहनने वालों की थी। यह भी ध्यान देने योग्य है कि इन हादसों में 66% मृतक 18-34 वर्ष आयु वर्ग के युवा थे। गडकरी के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत की GDP में करीब 3% तक की गिरावट हुई है।
इन भयावह आंकड़ों के बीच Good Samaritan जैसी योजनाएं सड़क सुरक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकार की नई नीतियों (भारत सरकार नई नीति) के तहत Good Samaritan Scheme और कैशलेस इलाज जैसी पहलों से सड़क सुरक्षा बढ़ेगी। इन पहलों से आम नागरिक दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए प्रेरित होंगे, जिससे सड़क हादसों में बचने वालों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।